स्ट्रीट वेंडर कानून बने बीते 10 साल , दो सौ से अधिक जिलों में दिया डिमांड चार्टर
हॉकर्स संयुक्त कार्रवाई समिति ने 200 से अधिक जिलों में जिला कलेक्टरों के माध्यम से प्रधान मंत्री को मांगों का चार्टर सौंपा है, देश भर में पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्यो में डीएम को पीएम के नाम सौपे ज्ञापन
रिपब्लिक टुडे,नई दिल्ली।
एक मई को रेहड़ी-पटरी वालों के अखिल भारतीय संयुक्त मंच हॉकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने भारत के 200 से अधिक जिलों में जिला कलेक्टरों के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वालों की मांगों का एक चार्टर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा है। दरअसल एक मई को ही रेहड़ी पटरी वाले पथ विक्रेताओं के लिये स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम, 2014 में लागू हुआ था, जिसके 10 वर्ष पूर्ण हो गए है।
बता दे कि हॉकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने देश के राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, पंजाब, जम्मू, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, कश्मीर, जम्मू, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, गोवा, असम आदि के 200 से अधिक जिलों में मांगों का चार्टर प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने जिला कलेक्टरों को दिया है।
इस दौरान एचजेएसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि, “पिछले दस वर्षों में स्ट्रीट वेंडर अधिनियम 2014 के क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम तो उठाए गए हैं, लेकिन अभी भी कई मील का सफर बाकी हैं।” उन्होंने जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रमुख मांगें समावेशी विकास, स्थिरता, न्यायशास्त्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य और मंच अर्थव्यवस्था से चुनौतियों का सामना करने की तैयारी, सड़क विक्रेताओं की आजीविका की सुरक्षा और व्यापक सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से की गई हैं।
वही एचजेएसी के कार्यकारी अध्यक्ष एच एस रावत ने मांग की है कि “स्ट्रीट वेंडरों को बाहर करने के लिए आईपीसी की धारा 283, 353 और 34 की समीक्षा की जाए और आईपीसी 283 और 353 के तहत स्ट्रीट वेंडरों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिया जाए”। एचजेएसी की महासचिव सुश्री सुषमा शर्मा ने “स्ट्रीट वेंडरों के निवेश के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों द्वारा उनके निवेश का समर्थन करने के लिए नियमावली बनाने को कहा।” एचजेएसी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री असित साहा ने अमृत भारत स्टेशन योजना में रेलवे फेरीवालों के लिए कानूनी सुरक्षा बनाने और रेलवे से रेलवे प्लेटफॉर्म पर वेंडिंग कियोस्क केवल सड़क विक्रेताओं को आवंटित करने और रेलवे स्टेशनों के बाहर पका हुआ भोजन के लिए वेंडिंग जोन बनाने की मांग की। जंक्शन।” एचजेएसी के कार्यकारी अध्यक्ष लक्ष्मण माने ने “बड़े व्यवसायों और प्लेटफार्मों द्वारा प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए खुदरा और ई-कॉमर्स पर एक नीति अधिसूचित करने” के लिए कहा है।
देश के अलग अलग राज्यों में डीएम को सौपे ज्ञापन
बता दे कि देश भर के अलग अलग राज्यो में स्ट्रीट वेंडर्स को जागरूक करने सहित, स्ट्रीट वेंडर्स कानून को नगरीय क्षेत्रों के बाजारों में आजीविका चलाने वाले पथ विक्रेताओं के हित में लागू करने सहित, उन्हें समाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ दिलाने काम किया जा रहा है , स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के दस वर्ष पूर्ण होने पर उत्तराखंड में स्टेट कोऑर्डिनेटर शैलेंद्र कुमार गुप्ता और बाजीदा तबस्सुम ने हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून में, पौड़ी गढ़वाल,
टिहरी गढ़वाल में , वही योगेश कुमार सैनी द्वारा ऊधमसिंह नगर , हल्द्वानी में मांगो का चार्टर डीएम को सौपा है,
वही उत्तर प्रदेश के आगरा में बृज राज सिकरवार द्वारा नगर आयुक्त को ज्ञापन दिया गया है। उधर मध्य प्रदेश में स्टेट कोऑर्डिनेटर मुकेश अवस्थी द्वारा राजधानी भोपाल सहित बैतूल , हरदा , रायसेन, होशंगाबाद , सिवनी , नरसिंहपुर आदि में मांगो का चार्टर जिला कलेक्टरों को दिया है। एचजेए बिहार में स्टेट कोऑर्डिनेटर अभिषेक कुमार ,
अरशद आफ़ताब द्वारा पटना , गया , दरभंगा, भागलपुर , बेतिया आदि जिलों में ज्ञापन सौपा है। महाराष्ट्र में कार्यकारी अध्यक्ष लक्ष्मण माने, और निर्मला कुराडे द्वारा पश्चिम बंगाल
कोलकाता में अर्पणा साहा द्वारा डीएम को ज्ञापन देकर कार्यवाई की मांग की है। इसके अलावा हाकर्स जॉइन्ट एक्शन कमेटी द्वारा अन्य राज्यों में भी स्ट्रीट वेंडर कानून के 10 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री को कानून को धरातल पर लागू करने सहित पथ विक्रेताओं के हित मे कदम उठाने की मांग की है।