इस सीट पर कांग्रेस की हार की बजह ये भी है ?
टिकिट फाइनल न होने से प्रचार में कांग्रेस पीछे
टिकिट की उम्मीद और रूठो को मनाने के लिये नही है समय
रिपब्लिक टुडे, सोहागपुर।
यहां कांग्रेस की हार की मुख्य बजह हाईकमान द्वारा टिकिट वितरण में की जाने वाली देरी भी है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी ने नामांकन दाखिल करने के कुछ दिनों पूर्व ही टिकिट की घोषणा की , जिस कारण प्रत्याशी को न तो रूठो को मनाने का समय मिला और न ही क्षेत्र के मतदाताओं से रूबरू होने का मौका मिला, जो बाद में हार का कारण बन गया।
जी हाँ हम बात कर रहे है चुनावी रण में उतरने वाली प्रमुख कांग्रेस पार्टी की , लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का महत्व है पक्ष और विपक्ष का निर्णय भी मतदाता ही करते है ऐसे में पिछले 18 सालों से विपक्ष में बैठी कांग्रेस सत्ता से दूर होते जा रही है इसकी मुख्य बजह है ऐनवक्त पर टिकिट वितरण , हाल ही मैं चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया जिसके बाद कांग्रेस ने 144 सीटो पर प्रत्याशी उतार दिए है लेकिन अभी तक उन 86 सीटो को होल्ड कर रखा है जहां जद्दोजहद जैसे हालात है , सोहागपुर सीट पर भाजपा ने तो वर्तमान विधायक ठाकुर विजयपाल सिंह को चौथी बार टिकिट दिया है , उनका पहले से ही क्षेत्र के हर व्यक्ति से सम्पर्क था अब वे प्रचार में उतर चुके है लेकिन कांग्रेस अभी भी एक दूसरे की काटने में लगी हुई है, यहां से प्रबल दावेदार सतपाल पलिया, सविता दिवान , पुष्पराज पटेल , हरगोविंद पुरविया और रणवीर पटेल है। सभी ने क्षेत्र में पहुचकर संपर्क तो किया लेकिन अब जब नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख 21 अक्टूबर घोषित होने के बाद भी आज तारीख तक जिले की चारो सीटों पर टिकिट जारी नही किये है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि आलाकमान सोहागपुर सीट को हर बार अंतिम समय मे घोषित क्यो करती है। नेता भले ही 4 महीने पहले टिकिट घोषित करने की बाते मंच से कह गए हो लेकिन सच्चाई यही है कि कांग्रेस अभी तक अपनी सीट क्लियर नही कर पाई , कहा जा रहा है कि आनन फानन में किसी को भी टिकिट देकर उम्मीदवार को थोपा जाता है जिसके चलते कांग्रेस की सतत हार होती जा रही है, बीजेपी के उम्मीदवार की तुलना में कांग्रेस बहुत पीछे है।