टिड्डी दल से बचाव और सतर्कता के निर्देश जारी

रिपब्लिक टुडे, भोपाल।
संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा राजस्थान की सीमा से लगे  मंदसौर, नीमच तथा उज्जैन जिले के कुछ क्षेत्र में टिड्डी दल के आने की प्रशासनिक जानकारी के आधार पर बचाव ओर सतर्कता के लिए निर्देश जारी किये हैं। टिड्डी दल से होने वाले नुकसान  को देखते हुए उक्त जिलो  के किसानो को सलाह दी गयी है कि वे अपने स्तर पर समूह बनाकर खेत  में रात के समय निगरानी करें। शाम 7 से 9 बजे के बीच टिड्डी दल रात्रि विश्राम के लिए कहीं भी बैठ सकता है, जिसकी पहचान एवं जानकारी के लिए स्थानीय स्तर पर दल का गठन कर सतत् निगरानी रखें।
टिड्डी दल का प्रकोप होने पर तत्काल स्थानीय प्रशासन ओर कृषि विभाग से संपर्क कर जानकारी दें। किसान भाई टोली बनाकर विभिन्न तरह के पारंपरिक उपाय जैसे शोर मचाकर, अधिक ध्वनि वाले यंत्र को बजाकर  अपने खेत से टिड्डी दल ।  क्षेत्र में  सुबह 3 बजे से 6 बजे तक तुरंत अनुशंसित कीटनाशी दवाएँ जैसे – क्रपाॅयरीफाॅस 20 ई.सी. 1200 मिली. या डेल्टामेथरिन 2.8 ई.सी. 600 मिली. अथवा लेम्डासाईहेल थ्रिन 5 ई.सी. 400 मिली., डाईफलूबिनज्यूरान 25 डब्लयू.टी. 240 ग्राम प्रति हैक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप (पाॅवर स्प्रेयर) द्वारा छिड़काव करें। टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध न हो तो ट्रैक्टर चलित पाॅवर-स्प्रे के द्वारा तेज बोछार से भी दल को भगाया जा सकता है।

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