राज्यपाल के अभिभाषण्ा के ठीक बाद 16 मार्च को होगा फलोर टेस्ट- स्पीकर को लिखी चिठठी
रिपब्लिक टुडे, भोपाल. मध्य प्रदेश सत्ता में मचे भूचाल के बाद अब भाजपा की मांग के चलते महामहिम ने स्पीकर को देर रात चिठठी लिखकर संविधान 174 सह पठित 175/2 सहित अन्य संवैधानिक शक्तिओ का प्रयोग करते हुये निर्देश देकर कहा गया है कि सोमवार 16 मार्च को विधानसभा के बजट सञ में अभिभाषण के ठीक बाद फलोर टेस्ट के द्वारा बाद विस्वातमत पर मतदान होगा. विस्वास मत बटन दबाकर किया जायेगा, जिसकी वीडिया ग्राफी भी की जायेगी. महामहिम की चिठठी के बाद कांग्रेस के विधयक सुबह ही जयपुर से भोपाल के लिए निकल गये है.

शनिवार को भाजपा के ओर से पूर्व सीएम शिवराज , नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंञी भूपेंद्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, राम पाल सिंह ने महा महिम से मुलाकात कार विधानसभा में बहुमत शाबित करवाने की मांग की थी, जिसके बाद अब कांग्रेस और भाजपा दोनो ही दलो के लिए बहुमत शाबित करना एकमाञ विकल्प रहा गया है. बता दें कि स्पीकर द्वारा शनिवार की शाम को 6 विधायको के इस्तीफा स्वीकर कर लिए गये है. जिनमें सिंधिया समर्थक इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी , महेद्र सिंह सिसोदिया, और प्रधुम्न सिंह तोमर की सदस्यता समाप्त हो गई है. अब मध्य प्रदेश्ा की विधानसभा कुछ 222 की संख्या वाली हो गई है. जिसमें भाजपा के पास 107 विधायक है. उधर कांग्रेस ने सभी विधायको को लेकर व्हिप जारी की है, जिसके चलते सभी विधायको को विधानसभा में मौजूद होना बहुत जरूरी है, गैर हाजिर होने पर कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि सिंधिया के सर्मथन में बैगलोर पहुंचे 22 विधायको में से 6 के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद अभी 16 विधायको को लेकर संशय बना हुआ है. एक तरफ सीएम कमलनाथ सहित अन्य बड़े नेता बहुमत होने के बात कह रहे है तो उन सभी विधायको से मिलने के लिए पूर्व मुख्य मंञी शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे है जहां से वे ज्यातिरादित्य सिंधिया को साथ लेकर बैगलोर जा रहे है.
बता दे कि मध्य प्रदेश की सरकार अल्पमत में बताई जा रही है, लेकिन कमलनाथ सहित पूर्व मुख्य मंञी दिग्विजय सिंह फुल कन्फीडेंस में दिखाई दे रहे है.
बागी विधायकों को पेश होने के लिए दोबारा नोटिस
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। इससे पहले विधानसभा के स्पीकर ने कांग्रेस गे बागी विधायकों को आज शाम पांच बजे तक पेश होने का निर्देश दिया। वहीं, भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर जल्द बहुमत परीक्षण कराने की मांग की थी।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के बागी विधायकों को 15 मार्च तक पेश होने का नोटिस जारी किया है। विधायकों को 15 मार्च (रविवार) शाम 5 बजे तक पेश होने को कहा गया है। वहीं, बागी विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर सुरक्षा देने की मांग की है। इस बीच, भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात कर कमलनाथ सरकार को जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण का निर्देश देने की मांग की।
इससे पहले स्पीकर ने 22 विधायकों को तीन अलग-अलग तारीखों में पेश होने के लिए नोटिस दिया था। सूत्रों ने कहा, अगर विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं होते तो सरकार बहुमत परीक्षण टाल सकती है। सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है। दरअसल, संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने शुक्रवार को स्पीकर से विधायकों के इस्तीफे की जांच की मांग की थी। गौरतलब है कि बंगलूरू के रिजॉर्ट में रुके ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी 19 सहित 22 कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।
विधायकों को बाध्य करने का कानूनी प्रावधान नहीं
विशेषज्ञों के मुताबिक कानूनी प्रावधान न होने से कांग्रेस और स्पीकर विधायकों को विधानसभा आने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। ऐसे में स्पीकर के लिए बहुमत परीक्षण ज्यादा समय टालना आसान नहीं होगा। पिछले साल कर्नाटक में ऐसी स्थिति बनने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस्तीफा देने के सात दिन के अंदर स्पीकर वैधता जांचे, अगर सही हो तो मंजूर करे, नहीं तो खारिज कर सकते हैं।