अब बावड़ी वाले मंदिर के नवनिर्माण की जरूरत

सोहागपुर में बावड़ी वाला मंदिर अब जीर्णोद्धार का नही नवनिर्माण की जरूरत है यहां ठाकुर जी पुराने टीन की छत के नीचे विराजमान है।

रिपब्लिक टुडे,सोहागपुर।
यहां के नरसिंह बिहारी जी मंदिर जो कि बावड़ी वाले मंदिर के नाम से भी विख्यात है को अब नवनिर्माण की दरकार है, जैसे अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन गया है वैसे ही नगर सोहागपुर में अब बांके बिहारी मंदिर में भगवान ठाकुर जी के लिये भी भव्य मंदिर के निर्माण का इंतज़ार है। इसके लिये नगर के लोग आगे आकर सोहागपुर पूर्व नाम सोणितपुर के इतिहास को जीवंत रख सकते हैं बताया जाता है कि ये मंदिर सैकड़ो वर्षो पुराना है जिसकी देखरेख दिगम्बर अखाड़े के साधुओं द्वारा की जाती है, पूर्व में यहां रामलखन दास जी महंत थे अब यहां मंदिर की देखरेख मंहत हरिकिशन दास कर रहे है।
बता दे कि नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर तहसील में बीच बाजार में बावड़ी वाला मंदिर है जिसके इतिहास की कोई जानकारी नही है बताया जाता है कि ये मंदिर रामानंदीय

सम्प्रदाय के नागा साधुओं का है , मंदिर का द्वारा भी विशाल आकर का था , साधुओं के पास एक हाथी भी था जो मंदिर में साधुओं के साथ ही रहता था, मंदिर के बाहर एक बावड़ी भी बनी हुई है जिसमे एक रास्ता भी है बताया जाता है कि बावड़ी से रास्ता जमनी सरोवर तक जाता है जो कि समय के चलते पुर चुका है। मंदिर की हालत को महंत हरिकिशन दास द्वारा सुधारा गया है, लेकिन मंदिर के दुकानदारों द्वारा सहयोग न करने से मन्दिर का नवनिर्माण नही हो पा रहा है। जिससे मन्दिर के पूजित मूर्तियां जीर्णशीर्ण गर्भगृह ने स्थापित है। अब महंत हरिकिशन दास सहित बांके बिहारी जी के भक्त मन्दिर निर्माण की कोशिश में है नगर के बीचोबीच बने मंदिर के पुननिर्माण के लिये नगरवासियों सहित सभी सनातनी संगठनो से दरकार है।

मन्दिर की संपत्ति से हटने तैयार नही दुकानदार

बता दे कि नगर के प्राचीन मंदिर की दुकानों में कब्जा जमाए दुकानदार उक्त दुकानों को खाली नही कर रहे है, भगवान के जीर्णशीर्ण मंदिर को लेकर चर्चाओं का बाजार तो हमेशा गर्म रहता है लेकिन कब्जा कर बैठे दुकानदार मन्दिर की संपत्ति को हड़पने की नीयत बनाकर बैठे है, अब मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से इस मन्दिर को लेकर चर्चा किया जाना है जिससे नगर का प्राचीन मंदिर अपने अस्तित्व को बचाये रखें।