अयोध्या में पुनः बिराजे श्रीराम, देश भर में उत्साह, राममय हुए भारतवासी
रिपब्लिक टुडे, अयोध्या।
आज 22 जनवरी के दिन इतिहास के पन्नो में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, 1528 से 2024 के लंबे अंतराल के बाद अयोध्या में श्रीराम जी के मंदिर को पुनःस्थापित कर दिया।
अखंड भारत के गौरव को खंडित करने वाले मुगलों ने भले ही देश की अस्मिता को हिलाने की कोशिश कर दी हो लेकिन अब पुनस्थापित भारत और भारत के राजनयिक और अपनी राजनीतिक क्षमता और दक्षता से अयोध्या में भव्य विशाल श्रीराम मंदिर को बना दिया गया है। कई वर्षों तक विवादों के चलते रामलला टेंट में रखे गए , साधु महात्माओं ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया , मन्दिर के विषय पर राजनीति भी हुई , कई सालों तक ब्रिटिश साम्राज्य की
सरकारों ने भी कोई निर्णय नही दिया। करीब 134 साल कोर्ट में प्रकरण चला, तुष्टिकरण की राजनीति करने वालो ने श्रीराम के अस्तित्व तक पर सवाल खड़े कर दिए लेकिन एक समय आया जब देश की सर्वोच्च अदालत में न्यायप्रिय जज बैठे और सरकार में भी ऐसा व्यक्ति बैठा जिसने भगवान राम के मंदिर को चुनावी मुद्दा नही बनाया बल्कि इस मुद्दे को हमेशा के लिये समाप्त करने न्यायपालिका से भी आग्रह किया। सन्त महात्माओं ने अपना पक्ष रखा, कई प्रमाण प्रस्तुत किये गए फैसला श्रीराम के पक्ष में आया , ऐसे में मन्दिर निर्माण की जिम्मेदारी भी सरकारों को मिली , देश की और राज्य की सरकारों ने मिलकर मन्दिर निर्माण को गति दी। और अब प्राणप्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी तय कर अलौकिक और भव्य आयोजन के साथ राम जी की प्राणप्रतिष्ठा भी हो गई।
पीएम मोदी , यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ , मुकेश अम्बानी, गौतम अडानी , अनिल अग्रवाल, सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों ने भगवान राम की स्थापना को देखा। हजारों की संख्या में साधुओं को भी आमंत्रित किया गया, उधर अयोध्या में भव्य समारोह चल रहा है तो देश भर में भजन कीर्तन और अखंड रामायण पाठ, सुंदरकांड नगर भंडारा आयोजित होता रहा।
भोपाल , नर्मदापुरम , सागर, छतरपुर , ओरछा में भी भगवान राम के आयोजन चलते रहे। कई स्थानों पर भगवान राम की प्राणप्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस भाजपा से दूर होकर लोगो ने आयोजनों में भाग लिया।