नप में वित्तीय संकट, कर्मचारियों को किया बाहर

वेतन की तंगी से गुजर रही नगर पालिका , पुराने कर्मचारियों को निकाला , नए रखे गए कर्मचारियों पर नप मेहरबान

रिपब्लिक टुडे, सोहागपुर।

यहां नगर पालिका प्रशासन द्वारा कुछ कर्मचारियों को फ़िलहाल बाहर कर दिया है और भी कर्मचारियों को बाहर किया जाएगा। दरअसल नप में कार्य के विरुद्ध अधिक संख्या में कर्मचारियों को राजनैतिक दबाव के चलते रखा गया था। अब वेतन की तंगी होने लगी है,पिछले 2 महीने से कर्मचारियों को वेतन नही मिला है।
बता दे कि नगर परिषद कार्यालय में वर्षो से काम करने वाले कर्मचारियों की जरूरत अब नगर परिषद को नही है , जिसके चलते गुरुवार को करीब 5 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है तो कुछ को पहले ही निकला जा चुका है, लेकिन चर्चा इस बात की है कि उन कर्मचारियों को ही क्यो निकाला गया जो पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सन्तोष मालवीय के कार्यकाल में रखे गए थे या उससे पहले रखे गए थे। नगर पालिका द्वारा भेदभाव या राजनेतिक दबाव में कर्मचारियों को बाहर किया है जबकि अभी भी ऐसे लोग कार्यालय में है जो सिर्फ मुंह दिखाई को आते है। कार्यालय में कुछ कर्मचारी कागजो में तो उपस्थित है लेकिन कहा और किस शाखा में कार्यरत है किसी को नही पता , कुछ ऐसे है जो कोई काम नही करते बल्कि टाइम पास करने कार्यलय जरूर पहुच जाते है। नगर में चर्चा इस बात की हो रही है कि नप द्वारा कांग्रेस पार्टी के लिये काम करने के संदेह के तहत कर्मचारियों को निकाला गया है। निकाले गए कर्मचारी कार्यलय में बैठकर ईमानदारी से काम करते थे , राजनेतिक दुर्भावना का शिकार वही कर्मचारी हुए है, बल्कि लापरवाह और कुर्सी से नदारद रहने वालों पर नगर परिषद द्वारा मेहरबानी की गई है।

वित्तीय संकट से गुजर रही नगर पालिका

बता दे कि नगर परिषद पिछले वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रही है यहां कर्मचारियों के वेतन नही हो पा रहा है। जानकारी के चलते नगर परिषद को शासन द्वारा चुंगी राशि 25 लाख प्रतिमाह दी जाती है जबकि कर्मचारियों के वेतन पर 40 लाख से अधिक की राशि व्यय होती है। इसके साथ साथ नगर परिषद में डीजल , साफ सफाई , बिजली बिल भुगतान सहित अन्य खर्चे भी होते है। लेकिन अब वित्तीय संकट की बजह से खर्च में कटौती की जा रही है, शासन स्तर पर ई नगर पालिका पोर्टल को भी बन्द किया गया है जिससे वेंडरों के भुगतान भी नही हो पा रहे है।