आर्थिक अपराध के दोषी बैक सुपरवाइजर पर जिला सहकारी बैंक के सीईओ मेहरवान
निष्कासित बैक कर्मचारी को बचाने की कोशिश , उपायुक्त सहकरीता के आदेश का पालन नही करते हुए , जिला सहकारी बैंक के सीईओ आर के दुबे ने एक माह बीत जाने पर भी नही कराई एफआईआर
सोहागपुर। यहां वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी कि दौरान जिला सहकारी बैंक सोहागपुर में पदस्थ सुपरवाइजर संतोष यादव को खरीदी केंद्र का प्रभारी बनाया गया था, जिस दौरान सन्तोष यादव ने आर्थिक अनियमितता करते हुए नवलगाव समिति के खाते से लाखों रुपये की राशि का आहरण स्वयं के नाम के चेक काट कर किया है और गेहूं खरीद के दौरान हम्मालों , जेनरेटर किराये सहित अन्य भुगतान नही किये। ऐसा ही कारनामा खपरिया और टेकापार खरीदी केंद्र के साथ किया गया है। जिसकी शिकायत साक्ष्यो के साथ करने पर जिला स्तर पर जांच की गई , जांच में तत्कालीन समिति प्रबंधक व सुपरवाइजर संतोष यादव आर्थिक अनियमितता का दोषी भी पाया गया, जिसके बाद उप आयुक्त सहकारिता द्वारा नर्मदापुरम जिला सहकारी बैंक के सीईओ आर के दुबे को पत्र लिखकर 600291 की आर्थिक फेरफेरी सहित 372275 की घटती की रिकवरी करने सहित दोषी मानते हुए एफआईआर दर्ज कराने को निर्देशित किया गया था।
लेकिन स्वयं भृष्टाचार के आरोपो से घिरे जिला सहकारी बैंक के सीईओ आर के दुबे ने एक महीने बीत जाने के बाद तक दोषी और निष्कासित कर्मचारी संतोष यादव के विरूद्ध कार्यवाई नही कराई । जिसके बाद नवलगांव सहकारी समिति के प्रबंधक रघुवीर ठाकुर ने लिखित रूप से नवलगांव को गेहूं खरीद केंद्र न बनाये जाने का अनुरोध किया था फिर भी जिलास्तर के अधिकारियों ने
नवलगांव को गेहूं खरीद केंद्र बना दिया है।
परेशान कर रहे है भुगतान प्राप्त करने वाले
बता दे कि नवलगांव समिति के खाते से संतोष यादव द्वारा हेराफेरी कर लाखो की रकम निकाल कर स्वयं के खाते में ट्रांसफर की है , उक्त राशि केंद्र पर काम करने वाले हम्मालों सहित जनरेटर किराये और अन्य लोगो को देना था। भुगतान नहीं मिलने से हम्मालों सहित अन्य लेनदार परेशान कर रहे है, लेकिन न तो बैंक प्रबंधन इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्यवाई कर रहे है। दरअसल वर्ष 2020-21 में कोरोना से पीड़ित होनेल चलते नवलगांव समिति प्रबंधक रघुवीर सिंह ठाकुर अस्पताल में जीवन के लिये संघर्ष कर रहे थे, उक्त अवधि में ही बैंक में सुपरवाइजर रहे संतोष यादव को खरीदी केंद्र का प्रभारी बनाया गया था।
पुराने मामले में निष्कासित हो चुका है दोषी कर्मचारी ।
बता दे कि जिस कर्मचारी को आर्थिक अनियमितता का दोषी स्वयं सहकारिता विभाग के जांच दल ने पाया है। वह नानपा सहकारी समिति के पुराने मामले में न्यायालय द्वारा दोषी पाए जाने के बाद निष्कासित हो चुका है। ऐसे व्यक्ति को जिला सहकारी बैंक के सीईओ द्वारा बचाया जाना सन्देह के घेरे में खड़ा कर रहा है।
मुख्यमंत्री से मिलेंगे समिति प्रबंधक
गेहू खरीदी के दौरान संतोष यादव द्वारा की गई हेराफेरी और दोष सिद्ध होने के बाद भी सीईओ आर के दुबे द्वारा एक माह बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नही कराने को लेकर , 4 अप्रैल को माखन नगर बाबई आ रहे सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात कर प्रकरण की जानकारी दी जाएगी ।