पर्यावरण प्रेमियों ने बक्सवाह का जंगल बचाने दीया ज्ञापन
पर्यावरण प्रेमियों ने बक्सवाह का जंगल बचाने दीया ज्ञापन
रिपब्लिक टुडे पिपरिया। छतरपुर जिले के बक्सवाहा में हीरा खनन के लिए 381.131 हेक्टेयर के घने जंगल को खत्म करने के की नीतियों के विरोध में शहर के जागरूक पर्यावरण प्रेमियों ने मुख्यमंत्री के नाम sdm नितिन टाले को ज्ञापन सौंपा जिसमे बताया गया कि किस तरह इतने विशाल जंगले को हीरा निकालने के लिए खत्म करने की तैयारी चल रही है जिसका ठेका प्राइवेट कम्पनी को लीज पर दिया गया है। यह जंगल अब अपने अंतिम समय में है।वन विभाग ने इस जंगल में खड़े वृक्षों की गिनती कर ली है। जिनकी संख्या 2, 15, 875 हैं। इनमें सागौन केम, जामुन, बहेडा, पीपल, तेन्दू अर्जुन के बहुत पुराने व कीमती पेड़ है।इसमें पूर्व नर्मदा घाटी में बने नर्मदा सागर बांध में 40332 हैक्टेयर सरदार सरोवर बांध में 10,000 हेक्टेयर बरगी बांध में 8478 हैक्टेयर ओंकारेश्वर बांध में 5000 हेक्टेयर सघन वन बांध में डूब चुका है। मंडला जिले में नर्मदा नदी पर बन रहे बसनिया बांध में 2107 हैक्टेयर जंगल डूब में आ रहा है।विकास योजनाओं के नाम पर प्रदेश की विपुल वन संपदा को हमेशा हमेशा के लिए खत्म करना अत्यन्त कष्टदायक निर्णय है। इन प्राकृतिक जंगलों के नष्ट होने से जीवजगत की विविधता एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ा है। विकास के नाम पर विनाश की यह नीति अब बंद होनी चाहिए,हम पिपरिया नगर के पर्यावरण प्रेमी निवेदन करते हैं कि बक्सवाहा में जंगल काटने वाले कम्पनी की लीज निरस्त कर जंगल को बचाने में सहयोग प्रदान करें,ज्ञापन देते समय शहर के पर्यावरण प्रेमी समाजसेवी गोपाल राठी, सबरी गोपाल गांगुडा, लक्ष्मी नारायण सोनी, प्रकाश मंडलोई, किशोर डाबर ,हर्षित शर्मा मौजूद रहे।