रिपब्लिक टुडे, जबलपुर। यहां मुख्य स्टेशन पर शुक्रवार की सुबह 12 सौ मजदूर स्पेशल ट्रेन से उतरे है , जिनकी थर्मल स्केनिंग करने के बाद मजदूरों को बसों से उनके निवास के जिलो में पहुचाया गया है। इसके लिये जिला प्रशासन ने बसों की व्यवस्था पूर्व से ही कर रखी थी , बसों में बैठाकर मजदूरों को उनके गृह जिले में पहुचाने को लेकर रेलवे स्टेशन पर ही सभी इंतजाम किये गए थे, प्रशासनिक व्यवस्था भी चाक चौबंद देखी गई।
बता दे कि आरपीएफ और जिला पुलिस की तैनाती के साथ नगर निगम स्वास्थ विभाग से डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को भी रेलवे स्टेशन परिसर में ही तैनात किया गया था,
जानकारी के अनुसार मजदूरों को विशेष ट्रेन क्रमांक 07012 से अकोला से जबलपुर लाया गया था । शुक्रवार की सुबह 5 बजे जबलपुर पहुची ट्रेन से 1200 मजदूर उतरे थे, प्लेटफार्म पर उतरते ही जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें सोशल डिस्टेंसिग का पालन करवाते हुए प्रशासन द्वारा बसों में बैठाया गया।
ट्रेन से लौट रहे मजदूरों की संख्या को देखते हुए प्लेटफार्म पर किसी तरह की भगदड़ ना हो इसके लिये आपीएफ ने करीब 100 कर्मियों को प्लेटफार्म पर तैनात किया था। जिला पुलिस बल और जिला प्रशासन की तरफ से नगर निगम स्वास्थ कर्मी और सरकारी डॉक्टरों को भी तैनात किया था।
कहां-कहां के है श्रमिक
इस सबंध में जिला जनसंपर्क कार्यालय अधिकारी आनंद जैन ने बताया है कि उक्त ट्रेन से 12 सौ यात्री लौटकर आए हैं जो बुरहानपुर, खंडवा, बैतूल, भिंड, भोपाल, सिहोर, मंदसौर, कटनी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौलीए, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिन्डोरी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, सागर, नरसिंहपुर जिले के निवासी है।
गृह जिले में भेजने 55 बसों का इंतजाम
स्पेशल ट्रेन से उतरे श्रमिकों को बसों से उनके निवास के लिए रवाना किया गया। इस संबंध में आरटीओ संतोष पाल ने बताया है कि रेलवे स्टेशन जबलपुर में 55 बसों का इंतजाम किया गया है। इनमें से 10 बस जबलपुर जिले अंतर्गत रहने वाले श्रमिकों को पहुंचाने के लिये है। बांकी बसे उक्त सभी जिलों से जबलपुर रात तक पहंच रही है जिनसे श्रमिकों को उनके निवास तक पहुंचाया जा रहा है।
घर वापसी की खुशी, तो रोजगार खोने का गम
फिलहाल ये मजदूर अपने घरों को तो पहुच रहे । पर इन पर रोजगार का संकट भी गहराने वाला है । दो वक्त की रोटी की तलाश में ये मजदूर अपना घर छोड़ कर अनजान शहरों में गए थे , उसे अब महामारी के कारण छोड़ आये है। कुछ मजदूरों का कहना है कि अब वे अपने ही गांव में रोजी रोटी की तलाश करेंगे, लेकिन अब घर छोड़ कर नही जाएंगे। बहरहाल अब प्रशासन के सामने लोगो को रोजगार उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती है।
रिपोर्ट – अनूप रॉबिन जबलपुर मप्र।