राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद भी नही दी जा रही जानकारी, उल्टे आवेदक के खिलाफ कोतवाली में की शिकायत
नपा में चार वित्तीय वर्षों में 7 करोड़ की हेराफेरी की आशंका को लेकर विधानसभा में उठ चुका मामला, अब कैशबुक नहीं देने के लिए बनाया जा रहा आवेदक पर दबाव
रिपब्लिक टुडे, नर्मदापुरम। नगर पालिका नर्मदापुरम कार्यालय में आर्थिक अनियमितता को लेकर काफी दिनों से मामला दबा हुआ है। कार्यालय के चार वित्तीय वर्षों में कैशियर कैशबुक में 7 करोड़ 78 लाख रूपए की राशि का अंतर पाया गया है। यह अंतर खुद नगर पालिका के जांच दल के प्रतिवेदन और नगर पालिका द्वारा कराएं गए ऑडिट में दर्शाया गया है। उक्त करोड़ों रूपए के अंतर को लेकर विधानसभा में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 4239 दिनांक 19.04.2024 को विधायक नारायण सिंह पट्टा द्वारा उठाया गया था। जिस पर नगर पालिका द्वारा झूठा जबाव प्रस्तुत कर गुमराह करना चाहा। विधायक श्री पट्टा द्वारा उक्त जबाव पर आपत्ति लेकर शिकायत दर्ज कराई है। सूत्रों की माने तो उक्त झूठे जबाव की जांच के लिए भोपाल स्तर पर जांच की जा रही है। उक्त करोड़ों रूपए के गबन की जानकारी आवेदक द्वारा सूचना के अधिकार में प्राप्त ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ई ओ डब्ल्यू भोपाल में दिनांक 17.06.2024 को प्रेषित की गई है जिसका शिकायत क्रमांक 1760202422113771 है। आवेदक द्वारा 08.04.2024 को नगर पालिका कार्यालय में आरटीआई आवेदन देकर कार्यालय की वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2023-24 की कैशियर कैशबुक चाही गई। लेकिन विधि विरूद्ध कार्यवाही करते हुए जानकारी प्रदान नहीं की गई। जिस पर उमाशंकर पचौरी आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग भोपाल ने दिनांक 12.06.2025 को लोक सूचना अधिकारी को 07 दिन में जानकारी का अवलोकन कराकर जानकारी प्रदान करने के आदेश दिए। लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा आदेश की अवहेलना करते हुए ना तो जानकारी प्रदान की गई और ना ही जानकारी का अवलोकन कराया गया। जिसके बाद दिनांक 07.07.2025 को 07 दिवस में आदेश का पालन करने के आदेश डॉ वंदना गांधी आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग भोपाल ने देते हुए अंतिम अवसर लोक सूचना अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दिया गया।

राज्य सूचना आयोग के पारित आदेश में जानकारी ना देने के लिए बनाया जा रहा दबाव
आयोग द्वारा पारित आदेश में जानकारी ना देने के लिए नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा आवेदक विनोद केवट पर परेशान करने, गुप्त दस्तावेजों की जानकारी मांगना, ब्लैकमेल करने तथा झूठे केस में फंसाने की शिकायत कर दबाव बनाया जा रहा है। विनोद केवट और राहुल बानखेड़े के खिलाफ थाना कोतवाली में शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई है। जबकि मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने आवेदक विनोद केवट को वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2023-24 की कैशबुक देने के आदेश पारित किए गए है। नपा के जांच दल द्वारा की गई जांच के आधार पर दिनांक 28.05.2024 को संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग भोपाल को पत्र प्रेषित कर जांच वरिष्ठ स्तर पर करने के लिए लिखा गया है। उक्त पत्र में लेख है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग 3 करोड़ 52 लाख, वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 1 करोड़ 1 लाख , वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 3 करोड़ 25 लाख कुल 7 करोड़ 78 लाख रूपए का वसूली पत्रक और कैशियर कैशबुक में अंतर दर्शाया गया। आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी में बड़ा खुलासा हो सकता है जिसके चलते जानकारी देने से बचने के लिए नपा कर्मचारियों द्वारा आवेदन देकर दबाव बनाने का कार्य किया जा रहा है, ताकि आवेदक जानकारी ना ले।

राज्य सूचना आयोग ने पारित किए जानकारी देने के आदेश
आवेदक विनोद केवट द्वारा नगर पालिका से वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2023-24 की कैशियर कैशबुक चाही थी। जानकारी ना मिलने पर राज्य सूचना आयोग में अपील पेश की गई थी जिस पर प्रकरण क्रमांक ए-4092/2024 में सुनवाई करते हुए उमाशंकर पचौरी ने आदेश पारित करते हुए लेख किया है कि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी श्रीमती हेमेश्वरी पटले लोक सूचना अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नर्मदापुरम द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही करते हुए आवेदक को जानकारी से वंचित रखा गया। आयुक्त श्री पचौरी ने सीएमओ को 7 दिवस में जानकारी का अवलोकन कराकर जानकारी प्रदान करने के आदेश दिए गए। आयुक्त के पारित आदेश की अवहेलना करते हुए जानकारी प्रदान नहीं की गई जिस पर पुन: सुनवाई डॉ वंदना गांधी आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के समक्ष दिनांक 07.07.2025 को निर्धारित की गई जिस पर डॉ गांधी ने श्री पचौरी द्वारा पारित आदेश का पालन 7 दिवस पालन करने का आदेश दिया है। लेकिन लोक सूचना अधिकारी द्वारा आयोग मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आदेश की अवहेलना कर जानकारी आवेदक को नहीं दे रही है।
नियम विरूद्ध किए जा रहे भुगतान
नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान होने के चलते जानकारी छुपाई जा रही है। जिसके चलते लोक सूचना अधिकारी द्वारा अधिकतर जानकारी व्यक्तिगत बताकर नहीं दी जाती है। आरटीआई में प्राप्त स्थानीय निधि संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2023-24 में अधिक भुगतान किए जाना का लेख किया गया है। जिसमें लेख है कि श्री सुरेश बेलिया तत्कालीन संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नर्मदापुरम संभाग को मार्च 2006 से नवंबर 2009 तक छठवे वेतनमान का एरियर का भुगतान 8 लाख 28 हजार 112 रूपए का भुगतान किया गया है। आवासीय संपरीक्षा में एरियर पत्रक का परीक्षण में एरियर पत्रक त्रुटिपूर्ण पाया गया है। श्री बेलिया को मात्र 1 लाख 50 हजार 984 रूपए का भुगतान किया जाना था लेकिन श्री बेलिया को 6 लाख 77 हजार 128 रूपए का अधिक भुगतान किया गया, जिसकी वसूली करने के लिए लिखा गया है।
