छत्तीसगढ़ में जातिगत समीकरण साधने के लिए भाजपा लाई नए चेहरे

भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है. पार्टी ने इस बार जातिगत समीकरण का ज्यादा ध्यान रखा है. इसी को ध्यान में रखते हुए कई पुराने चेहरों को टिकट नहीं दिया गया. इससे पूर्व सीएम रमन सिंह भी नहीं बच पाए. उनके बेटे तक को टिकट नहीं दिया गया.

भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है. पार्टी ने इस बार जातिगत समीकरण का ज्यादा ध्यान रखा है. इसी को ध्यान में रखते हुए कई पुराने चेहरों को टिकट नहीं दिया गया. इससे पूर्व सीएम रमन सिंह भी नहीं बच पाए. उनके बेटे तक को टिकट नहीं दिया गया. अभी जो राजनीतिक हालात बन रहे हैं, उसमें कैडर और जातिगत समीकरण ही निर्णायक फैसला दे पाएगा. दुर्ग से विजय बघेल भाजपा प्रत्याशी हैं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और विजय के बीच चाचा-भतीजे का रिश्ता है. विजय बघेल भूपेश को पहले भी हरा चुके हैं.

बिलासपुर से अरुण साव एकदम नया चेहरा है. पेशे से वकील हैं. महासमुंद में 22% साहू और 20% कुर्मी वोटर हैं. अगर साहू समाज में टक्कर होगी तो फैसला कुर्मी वोटर तय करेंगे. बस्तर में बैदूराम की क्षेत्र में पकड़ अच्छी है. कांकेर में भाजपा ने मोहन मंडावी को उतारा है. मंडावी संघ के पुराने कार्यकर्ता है. चुनाव में संघ का मैनेजमेंट मायने रखेगा. सरगुजा से भाजपा की फायर ब्रांड रेणुका सिंह की टक्कर तीन बार के

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