सविता बीजेपी में शामिल , पिछले विस चुनावों में भी लगे चुके है भितरघात के आरोप
रिपब्लिक टुडे, नर्मदापुरम।
नर्मदापुरम जिले की सोहागपुर सीट से टिकट न मिलने से नाराज़ सविता दिवान अब भाजपाई हो गई है , उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के समक्ष भाजपा जॉइन कर ली है। कांग्रेस से टिकिट न मिलने से नाराज़ सविता के ऊपर पिछले चुनाव में भी कमलनाथ के सामने आरोप लग चुके है। 2018 के चुनाव में जब सतपाल पलिया प्रत्याशी थे तब नर्मदापुरम संसदीय क्षेत्र के नेताओ को मीटिंग में बुलाया गया था जब पूर्व विधायक अर्जुन पलिया द्वारा सविता दिवान पर चुनाव में अपोजिट पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराने के आरोप लगे थे। जिसके बाद कमलनाथ के सामने ही काफी बहस हुई थी , जिसमें सविता दिवान द्वारा सुसाइड करने जैसी कोई बात भी कही थी , जिसकी चर्चा भी जमकर हुई थी।
अब फिर पूर्व विधायक सविता दिवान ने सोहागपुर से टिकिट माँगी उन्होंने लगातार जनसंपर्क भी किया ,जिसके बाद पार्टी ने क्षेत्र में काम करने को तो कहा गया लेकिन टिकिट मिलेगी इस बात को स्पष्ट नही किया था। 4 दावेदारों में से जिला अध्यक्ष पुष्पराज पटेल को पार्टी ने उनकी मोटी फाइल , जिसमें पब्लिक के लिये धरना प्रदर्शन, आंदोलन आदि का उल्लेख था, को देखकर टिकिट दे दिया। लेकिन तीन बार के प्रयास के बाद भी पार्टी द्वारा अनदेखी करने से सविता नाराज़ हो गई, इसके साथ ही एक जानकारी निकल कर आई कि 2008 से लेकर 2018 तक के प्रत्याशी और सोहागपुर बाबई के नेताओ ने उनके विरुद्ध शिकायती पत्र भी कमलनाथ तक भेज दिया जिसमें उनके अलावा उनके पिता विनयकुमार दिवान के खिलाफ भी लिखा गया है। जिससे नाराज़ होकर श्रीमती दिवान ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तक पर निशाना साध लिया। कांग्रेस को दोनों नेताओं ने बंधक बना लिया जैसी बात सोशल मीडिया पर लिख डाली , अब सविता दिवान ने नरेंद्र सिंह तोमर के सामने भाजपा जॉइन कर ली है।
उनके भाजपा में जाने के बाद क्षेत्र के समीकरण भी बदल गए है। सोहागपुर में चर्चा इस बात की है की सविता दिवान ने रणवीर पटेल और सतपाल पलिया के चुनाव अपने समर्थकों से भितरघात करवाया था , उनके विधायक विजयपाल सिंह से भी बहुत अच्छे सम्बंध है, सविता दिवान ने किसी भी आंदोलन या प्रदर्शन में सिर्फ भाजपा को निशाना बनाया है , विपक्षी पार्टी के विधायक ठाकुर विजयपाल सिंह के खिलाफ कभी किसी मंच से नही बोला। ऐसे में अब भाजपा के विजयपाल सिंह का साथ खुलकर दे सकती है।
जानकारी है कि सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के उनके समर्थक फ़िलहाल खामोश है न वे उनके साथ बीजेपी में गए है न ही वे अभी तक कांग्रेस के प्रचार में निकले है। ब्लाक अध्यक्ष पद से आलोक जायसवाल ने जरूर पदमुक्त होने इस्तीफा दिया है, लेकिन पार्टी नही छोड़ी है।