सोहागपुर विधानसभा में कांग्रेस में गुटबाजी , नए चेहरे को मिल सकती है टिकिट
कांग्रेस में स्थानीय उम्मीदवार की मांग, बाहरी का हो सकता है विरोध, सोहागपुर विधानसभा मेें काग्रेसियों में गुटबाजी चरम पर है, यहां अब बाहरी उम्मीदवार नही स्थानीय को टिकिट की दरकार है, सोहागपुर सीट से सतपाल पलिया, पुष्पराज पटेल, सविता दिवान शर्मा, हरगोविंद पुरविया और संतोष मालवीय टिकट के दावेदार है।
विधानसभा चुनाव नजदीक फिर भी गुटबाजी चरम पर
मुकेश अवस्थी,सोहागपुर।
विधानसभा चुनाव साल के अंत तक होना तय है, ऐसे में भाजपा का गढ़ बन चुकी सोहागपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस अब भी पीछे है, दरअसल इस सीट पर स्थानीय कांग्रेसियों की मांग है कि किसी ऐसे चेहरे को टिकिट दिया जाये जो कि विधानसभा क्षेत्र का निवासी हो। यहां से कांग्रेस पार्टी जिला अध्यक्ष पुष्पराज पटेल और समाजसेवी व ठेकेदार हरगोविंद पुरविया नए चेहरे है, तो पूर्व विधायक सविता दिवान शर्मा, सतपाल पलिया, मेहरबान पटेल आदि भी टिकिट की चाह से पीछे नही है। अंदरखाने से मिली जानकारी के चलते इस विधानसभा सीट पर सतपाल पलिया को टिकिट दिया गया तो बाकी सभी कांग्रेसी एकजुट होकर विरोध करेगें।
बता दें कि सोहागपुर सीट पिछले 20 सालों से लगातार भाजपा के कब्जे में है, वर्ष 2003 से 2008 तक मधुकर राव हर्णे विधायक चुने गए थे। 2008 में परिसीमन के बाद लगातार ठाकुर विजय पाल सिंह लगातार विधायक है, कहा जाता है कि इस सीट पर विजय पाल सिंह का कोई तोड़ नही हे, जानकारी ये भी निकल कर आ रही है कि इस बार विजय पाल सिंह नर्मदापुरम से टिकट की मांग कर रहे है, यदि उन्हें नर्मदापुरम से पार्टी टिकिट देती है तो सोहागपुर सीट कांग्रेस को आसान हो सकती है। लेकिन आपसी गुट बाजी और तनातनी के चलते कांग्रेस को नुकसान हो सकता है, भले ही कांग्रेसी नेता कहते रहे कि टिकिट किसी को भी मिले मिलकर काम करेेगेे, लेकिन सच्चाई यही है कि सतपाल पलिया को टिकिट दिये जाने का विरोध शुरू हो गया है, स्थानीय नेताओं ने कमलनाथ के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि विधानसभा के निवासी किसी नेता को ही टिकिट दिया जाये। सार्वजनिक है कि कांग्रेस ने मेहरबान सिंह पटेल, रणवीर पटेल को मौका दिया था उसके बाद पूर्व विधायक अर्जुन पलिया के पुत्र सतपाल पलिया को टिकट देकर विश्वास किया, जिसके बाद कम अंतर से सतपाल पलिया की हार हो गई।
जानकारी निकल कर आ रही है कि पुष्पराज पटेल, संतोष मालवीय, सविता दिवान शर्मा आदि नेताओ के बीच इस बात को लेकिर सहमति बन गई है कि स्थानीय किसी भी नेता को टिकट मिलती है तो गुटबाजी भूलकर सभी कार्यकर्ता सीट जीताने में मेहनत करेंगे, लेकिन किसी बाहरी को टिकिट दी गई तो विचार करना होगा, चर्चा इस बात की है कि यदि वर्ष 2003 में सविता दिवान शर्मा 27 हजार वोटो से चुनाव हार गई थी, वही मेहरबान सिंह पटेल, रणवीर पटैल भी बड़े अंतर से चुनाव हार गए थे ऐसे मेें पार्टी किसी कददावर और मजबूत नेता की तलाश में है। ऐसे में पुष्पराज पटैल, हर गोविन्द पुरविया के नाम पर सहमति बनाई जा सकती है,
उधर पिछले एक साल से क्षेत्र के लोगो के बीच में जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने वाले सतपाल पलिया को लोक सभाा का टिकट देने की बात स्थानीय नेता कर रहे है। सतपाल पलिया ने पिछले साल से लगातार अपना जनसंपर्क जारी रखा है, लोगो के बीच पहुंच कर उनकी बात को सुनने और उनके समाधान करने को लेकर उनकी पहचान विधानसभा क्षेत्र में बन गई है, यदि उन्हे टिकिट दी जाती है और गुटबाजी भूल कर कार्यकर्ता एकजुटता दिखाते है तो सोहागपुर विधानसभा सीट कांग्रेस के पाले में जा सकती है लेकिन भाजपा का मजबूत गढ बन चुकी इस सीट पर विजय श्री आसान भी नही है।