अतिक्रमण हटाने की कवायद तेज , फिर भी कसर बाकी
समद वकील के सामने वाली लाइन सहित स्टेशन रोड का अतिक्रमण हटाने की जरूरत
रिपब्लिक टुडे, सोहागपुर।
यहां एसडीएम अखिल राठौर की पहल पर मुख्य बाजार से अतिक्रमण हटाकर बाजार को व्यवस्थित करने की कवायद की जा रही है। जिसके चलते सोमवार को यश कलेक्शन के सामने से लेकर हनुमान मंदिर के पास तक के अतिक्रमण को नगर परिषद की जेसीवी सब साफ किया गया है, जिसके बाद लोगो मे प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है।
बता दे कि पूर्व में नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण कर दुकानें रखने वालो को अस्थायी लीज देकर उपकृत किया था जो अब नगर की खूबसूरती के लिये बदनुमा दाग बन गए है। श्रीराम चौक से लेकर कमनीया गेट तक अतिक्रमण कर दुकानें लगाई जा रही है, फल सब्जी के लिये स्थान चिन्हित किया गया है लेकिन चयनित स्थान पर दुकानें नही लगाई जाती। जिसके चलते एसडीएम द्वारा लोगो को हिदायत तो दे दी गई है लेकिन अभी तक अन्यत्र दुकानें शिफ्ट नही हो पाई है। उधर सोमवार को धर्मेंद्र चौरसिया की नास्ते की दुकान जो कि चबूतरे पर लगाई जाती थी से अतिक्रमण हटाया गया तो चंद्रा मेडिकल के सामने बनी पानी की टँकी को तोड़कर जगह रिक्त करवाई गई है।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार बीच बाजार से कमानिया गेट तक डिवाडर बनाया जाना है जिसके लिये अतिक्रमण हटाना आवश्यक है, मंगलवार को एसडीएम श्री राठौर, सीएमओ नरेंद्र रघुवंशी के साथ पूरी नगर परिषद की टीम ने मछली बाजार, सब्जी मंडी सहित कमानिया गेट, गांधी चौक का भ्रमण किया।
अतिक्रमण मुहिम को लेकर एसडीएम श्री राठौर की कार्यशैली से आमजन उनके सनर्थन में है तो अतिक्रमणकारी दुखी है, बता दे कि लोगो का कहना है कि पुराने बस स्टैंड के पास वंदना फोटो स्टूडियो वाली लाइन में भी कुछ मेकेनिक, टेलर और चाय की दुकानें चलाने वालों ने अतिक्रमण किया हुआ है, जिसके चलते उक्त मार्ग से निकलना मुश्किल है, तो वही सेंट पैट्रिक स्कूल के पास और खनूजा गैस एजेंसी के सामने भी अतिक्रमण कर अवैध रूप से कब्जा किया गया है, जिसको लेकर कार्यवाई का इंतज़ार है।
तय साइज़ से अधिक पर कब्जा
नगर परिषद द्वारा पूर्व में जिन लोगो को वैकल्पिक व्यवस्था के चलते छोटी छोटी दुकानों की अस्थाई लीज दी गई थी उन्होंने आज स्थिति में तीन गुना ज्यादा जगह पर कब्जा कर अतिक्रमण किया है।
किराए से चल रही दुकान
नगर परिषद ने जिन रसूखदारों और अतिक्रमण करने वालो को अस्थाई लीज रेवड़ी की तरह बांटी थी, उनमें से अधिकांश ने दुकानों को हजारों रुपये मासिक किराए पर दे रखा है। जिनमे अधिकांश दुकानें पुराने थाने के पीछे की है। साथ ही नगर परिषद ने जिन लोगो को वैकल्पिक व्यवस्था के चलते अस्थाई दुकान की लीज दी थी उन्होंने लाखो रुपये का लेनदेन कर दुकानें बेंच दी है। पुराने थाने के पीछे ऐसे लोग भी लीज की दुकानें चला रहे है जिनके नगर में तीन -तीन काम्प्लेक्स है और काम्प्लेक्स की दुकानों से लाखों रुपये किराए वसूला जा रहा है।