कान्‍हा राइस मिल के अपशिष्‍ट से नर्मदा नदी को खतरा

कान्‍हा राइस एंड एग्रो मिल प्रा‍यवेट लिमिटेड कंपनी नही कर रही प्रदूषण नियंञण बोर्ड की गाइड लाइन का पालन, नदी में छोड़ा जा रहा है राइस मिल का अपशिष्‍ट, काला हो रहा है नदी का पानी, राइन नदी का पानी नर्मदा नदी में मिलने से बढेगा खतरा

मुकेश अवस्‍थी.

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होशंगाबाद जिले के सोहागपुर क्षेञ में स्‍टेट हाईवे पर कान्‍हा राइस एंड एग्रो मिल बन कर तैयार हो गई और मिल में प्रोडक्‍शन भी शुरू हो गया, लेकिन मिल संचालको द्वारा मिल से निकलने वाले अपशिष्‍ट के निष्‍पादन की कोई व्‍यवस्‍था नही की है, न ही मिल की चिमनी को इतनी हाईट दी गई है जिससे निकलने वाला धुआ जन जीवन को प्रभावित न करें. ये सब राइस मिल मालिक के रसूख के कारण किया जा रहा है, जिससे अब राइन नदी प्रदूषित हो रही है साथ ही साथ आसपास के रहवासियो के जीवन पर भी संकट मंडराने लगा है.

बता दें कि बनखेडी के पास ग्राम ठेनी के माहेश्‍वरी परिवार द्वारा कान्‍हा राइस मिल शोभापुर और सोहागपुर के बीच ग्राम अकोला में बनाई गई, जिसमें रा्ईस मिल मालिक द्वारा न तो एनजीटी की गाइड लाइन का पालन किया गया है ओर न ही मध्‍य प्रदेश प्रदूषण नियंञण्‍ा बोर्ड के मानको पर खरा उतरा जा रहा है. जिसके कारण राईस मिल के आसपास के ग्रामो आकोला, बमारी, तालाखेडी, बरबानी, नकटुआ आदि के रहवासियो सहित मवेशिओ, पशु पक्षि‍ओ पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है. राईस मिल की चिमनी की उंचाई अधिक न होने सहित निकलने वाले धुआ का भी शोधित नही किया जा रहा, जिससे आसपास रहने वालो की आंखो में परेशानी होने लगी है, ग्रामीणो का कहना है कि राईन नदी में मिल का अपशिष्‍ट छोड़ा जा रहा है जो कि जहरीला होने के चलते नदी के पानी को प्रदूषित कर रहा है.

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फैक्‍ट्री प्रबंधन द्वारा की जा रही लापरवाही से परेशान लोगो ने प्रदेश के मुख्‍यमंञी सहि‍त प्रदूषण नियंञण बोर्ड तक को शिकातय की लेकिन राईस मिल संचालको पर कोई कार्रवाई नही की गई, इतना ही नही यहां के युवाओ ने परिर्वतन संगठन के बैनर तले आंदोलन धरना प्रदर्शन भी किए, लेकिन रसूख के आगे अभी तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई. अब परेशान लोग एनजीटी में याचिका दायर कर कार्रवाई की बात कर रहे है.

राईन नदी का पानी हो रहा काला, जो नर्मदा नदी में मिल कर खतरा पैदा करेगा.

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बता दें कि जिस कान्‍हा राईस मिल से प्रदूषित पानी राईन नदी में छोड़ा जा रहा है, उस नदी का पानी काला एवं मटमैला हो गया है, राईन नदी के पानी को अब पालतू मवेशी भी नही पी रहे है, साथ ही राईन नदी पविञ नर्मदा नदी में जाकर मिलती है जो अब नर्मदा के जल को भी प्रदूषित कर रही है, नर्मदा के जल को प्रदूषित होने के बाद खतरा मानव जीवन सहित पशु पक्षियो के लिए भी नुकसान दायक शाबित होगा.

जनप्रतिनिधियो ने कार्रवाई के लिए लिखे है पञ.

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कान्‍हा राईस मिल द्वारा प्रदूषण्‍ फैलाने के बाद क्षेञ की पंचायतो के जनप्रतिनिधियो ने भी जिला कलेक्‍टर सहित मुख्‍यमंञी को मिल प्रबंधन के विरूद्य कार्रवाई करने सहित मिल को बंद कराने को लेकर पञ लिखे है, यहां परवर्तन संगठन सहित राईस मिल से लगी ग्राम पंचायत बमारी के  सरपंच रामेश्‍वर पटैल एवं ग्राम पंचायत आकोला के सरपंच मुकेश मेहरा ने पञ के माध्‍यम से जिला कलेक्‍टर से हस्‍तक्षेप करने पञ लिखा है. लेकिन पिछले एक साल से कि जा रही जददोजहद के बाद भी अभी तक प्रशासन अनदेखी ही करता आ रहा है.

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