शिक्षाविद डॉक्टर अरविंद सिंह चौहान का 80 वर्ष की आयु में निधन

मुकेश अवस्‍थी.  मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में 20 दिसंबर 1940 को जन्‍में अरविंद सिंह चौहान ने नगर में उच्‍च शिक्षा की शुरूआत के लिए एक निजी महाविधालय की नीव रखी थी, जिसके बाद से उन्‍हें नगर सहित प्रदेश भर में शिक्षाविद के नाम पर लोग पहचानने लगे थे. उन्‍होने एम काम की पढाई करने के बाद 1961-62 में नगर पालिका द्वारा शुरू किये गए कालेज को जिम्‍मा अपने हाथ में लेकर सोहागपुर शिक्षा समिति का गठन किया और नगर में जवाहर लाल नेहरू महाविधालय के नाम से एक निजी कालेज कि शुरूआत कर युवाओ को सीधे उच्‍चा शिक्षा से जोड़ने की पहल की. अब वह शिक्षाविद हमारे बीच नही रहा, 30 अप्रैल 2020 गुरूवार की दोपहर 2.20 के लगभग उन‍का निधन हो गया. जिसके बाद नगर सहित प्रदेश भर के शिक्षा से जुड़े लोगो ने शोक व्‍याप्‍त हो गया है.
बता दें कि होशंगाबाद जिले के छोटे से नगर सोहागपुर में जन्‍में डांक्‍टर अरविंद सिंह चौहान ने प्रारंभिक पढाई के बाद वाणिज्‍य विषय में एम काम करने के बाद वाणिज्‍य में ही पीएचडी उपाधि प्राप्‍त की, जिसके साथ साथ उन्‍होने नगर में जवाहर लाल नेहरू स्‍मृति महाविधालय के नाम से एक निजी कालेज को स्‍थापित किया, अपने स्‍वयं के प्रयासो से उन्‍होने यहां एलएलबी सहित अन्‍य यू जी और पी जी कोर्स की शुरूआत कराई, बता दें कि स्‍वयं डांक्‍टर अरविंद सिंह चौहान ने पीएचडी के अलावा समाज शास्‍ञ, अर्थशास्‍ञ सहित अन्‍य दो विषयो में स्‍नात्‍कोत्‍तर उपाधि प्राप्‍त की है. वे हर‍ि सिंह गौर विश्‍व विधालय में डीन भी रहे है, उधर
बरकतउल्‍लाह विश्‍वविधालय में भी उन्‍हे स्‍थाई कार्य परिषद का सदस्‍य बनाया गया था.
बता दें कि होशंगाबाद जिले में डांक्‍टर अरविंद सिंह चौहान का नाम सबसे कम उम्र के कालेज प्राचार्य के रूप में गिनीज बुक आफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में भी दर्ज है, अपने सबंधो के चलते श्री चौहान ने सांसद रामेश्‍वर नीखरा, सुंदर लाल पटवा सहित अन्‍य नेताओ के सहयोग से महाविधालय को एक नई दिशा दी, जिससे क्षेञ के युवाओ को मिली जिससे युवा वर्ग पिपरिया और होशंगाबाद के कालेजो में एडमीशन लेने के बजाय स्‍थानीय महाविधालय में ही प्रवेश लेने लगे.

कुश्‍ती और कविताओ का शौक भी रहा श्री चौहान को

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बता दें कि शिक्षाविद डांक्‍टर अरविंद सिंह चौहान स्‍वयं भी एक पहलवान रहे है साथ उन्‍हे अखाड़ो में पहलवानो को दांब पेंच सिखाते भी नगर के लोगो ने कई बार देखा है वही साहित्‍य के प्रति अटूट प्रेम भी डांक्‍टर चौहान को रहा है, उन्‍हे कविता लिखना और कविता पाठ करना भी बखूबी आया, नगर सहित प्रदेश के कई मंचो पर उन्‍होने अपनी हस्‍त लिखि कविताओ का पाठ भी किया, बता दें कि सन 1972-75 के बीच उन्‍होने भोपाल से प्रकाशित नवभारत अखबार में लेखन कार्य भी किया है.

कई समितियो के सदस्‍य और अध्‍यक्ष भी रहे.
डांक्‍टर अरविंद सिंह चौहान द्वारा जवाहर लाल नेहरू महाविधालय के साथ साथ जवाहर लाल नेहरू स्‍मृति विधायल भी शुरू किया गया था, जिसके बाद उन्‍होने द करंट के संपादक सैयद अययूब से नजदीकी होने के चलते मशहूर फील्‍म कलाकार सुनील दत्‍त की पत्नि नरगिश दत्‍त्‍ा की याद में सोहागपुर में नरगिश दत्‍त्‍ा स्‍कूल की शुरूआत भी की, जिसके साथ साथ नगर के जमनी सरोबर, गुरूनानक पब्ल्कि स्‍कूल, सुभाष चंद्र बोस शिक्षा समिति द्वारा संचालित सरस्‍वती हायर सेकंडरी स्‍कूल, आदि की समि‍तियो में भी विभिन्‍न पदो पर पदस्‍थ रहे है.
डांक्‍टर अरविंद सिंह चौहान पिछले एक वर्ष से बीमार चल रहे थे, जिसके चलते 80 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है. नोट – उक्‍त लेख मेरी जानकारी पर आधारित है. कुछ कमी हो तो बताने की कृपा करें.

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