जनपद पंचायतः दो सचिवाें सहित एक रोजगार सहायक को किया अटैच ,फिल्‍ड पर सचिवों के पास दोहरे प्रभार

लापरवाह सचिव लखनलाल प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई के बजाय सीईओ संजय अग्रवाल मेहरबान, वही सचिव चैन सिंह मांझी भी तीन साल से जनपद कार्यालय में अटैच,क्‍या काम कर रहा किसी को नही पता. संभाग के कमिश्‍नर अटैचमेंट के खिलाफ लेकिन निचले स्‍तर के अधिकारियों की मनमानी.

रिपब्लिक टुडे,सोहागपुर।

यहां जनपद पंचायत क्षेत्र की पंचायतों में सब कुछ ठीक नही चल रहा है, जनपद पंचायत सीईओं संजय अग्रवाल और जनप्रतिनिधियों के बीच शिकायतें और कुछ सचिवों से सांठगांठ की चर्चाऐं आम हो गई है। पंचायतों में काम के बदले कमीशन की चर्चा भी सडक़ों पर हो रही है, जो अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है। दो सचिवों लखन लाल प्रजापति सहित सचिव चैन सिंह मांझी को जनपद पंचायत कार्यालय में अटैच किया गया है लेकिन दोनो सचिव न तो जनपद कार्यालय में दिखाई देते है और न ही कोई काम करते नजर आते है, सचिव लखन लाल प्रजापति हमेशा बाजारों में घूमता दिखाई देता है.

बता दें कि यहां की कुछ पंचायतों में सचिवों को दो दो पंचायतों के प्रभार दिये गये है जिनमें रानी पिपरिया और मोकलवाड़ी पंचायत में सचिव अरविंद ठाकुर पिछले सालों से लगातार काम कर रहे है, वही टेकापार और बिछुआ पंचातय में मनसुख धानक को दो दो पंचायत का प्रभार दिया गया है, वही सचिव राजेंद्र पुरविया को शोभापुर पंचायत के साथ साथ अकोला का प्रभार दिया गया है, सचिव चैन सिंह को भी जनपद पंचायत कार्यालय मेें अटैच किया गया है। सचिवों के पास दो दो पंचायतों के प्रभार होने से दोनो पंचायतों में काम भी नही हो पा रहे है, ग्रामीणजन भी पंचायत सचिवों से नाराजगी व्यक्त कर रहे है। उधर लापरवाह सचिव लखन लाल प्रजापति पर भी सीईओ संजय अग्रवाल मेहरबान है, लखन लाल प्रजापति की लगातार शिकायतें मिलने के साथ साथ विधायक विजयपाल सिंह के कार्यक्रम में अनुपस्थित रहने की शिकातय होने के बाद भी सचिव लखन लाल प्रजापति को जनपद पंचायत कार्यालय में अटैच किया गया है, लखन लाल काम करेंगे जनपद में वही पेमेंट निकलेगी पंचायत से, ऐसा सचिवो के साथ ही नही रोजगार सहायकों को भी जनपद कार्यालय में अटेच किया गया , जिनमें योगेश पुरी गोस्वामी को भी अटेच किया गया है। बता दें कि रोजगार सहायक केंद्रीय योजना रोजगार गारंटी योजना के संविदा कर्मचारी है, जिन्हें मनरेगा योजना शाखा से बिना अनुमति अटैच नही किया जा सकता है। जिन पंचायतों में सचिवों के पास दोहरे प्रभार है उन में दो साल बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी स्थाई पद स्थापना नही कर पाये है जो विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते है। वही लापरवाह सचिवों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें जनपद कार्यालय में अटैच कर उनसे क्या काम कराया जा रहा है इस बात की चर्चा भी हो रही है।

इनका कहना है –

दंड स्वरूप किसी सचिव या अन्य कर्मचारी को अटैच किया होगा, जनपद पंचायत की पंचायतों की जिम्मेदारी सीईओ जनपद की है।

सूरज सिंह रावत , सीईओ जिला पंचायत नर्मदापुरम।