शिक्षा पर सवाल – हजारो छाञ नही दे पाये परीक्षा
मुकेश अवस्थी. मध्य प्रदेश सरकारे लगातार शिक्षा के स्तर को सुधारने का काम तो कर रही है, लेकिन सिस्टम की खामियो के कारण शिक्षा में सुधार नही हो पा रहा है, जिसके चलते अकेले होशंगाबाद जिले में बोर्ड पेर्टन पर कक्षा 5 और 8 की परीक्षा में 1556 छाञ नही बैठ पाये. अब शिक्षा विभाग के एक जिले के आंकड़े से प्रदेश भर के आंकड़ो का अंदाजा लगाया जा सकता है.
बता दें कि प्रदेश सरकार का शिक्षा विभाग जमीन पर कितना काम कर रहा है, उसका अंदाजा उन 1556 छाञो के परीक्षा में नही बैठने से ही लगाया जा सकता है. विभाग द्वारा आठवी तक की शैक्षणिक व्यवस्था राज्य शिक्षा केंद्र को दे रखी है, जिसकी जिम्मेदारी जिला स्तर समन्वयको सहित ब्लाक समन्वयको की है. लेकिन निचले स्तर पर काम कर रहे प्राथमिक और माध्यमिक शालाओ के शिक्षको की लापरवाही और छाञो को स्कूल से न जोड़ पाने के चलते छाञ परीक्षा से दूर हो गए. जिला स्तर के अधिकारियो सहित स्कूलो के प्रभारियो का कहना है कि हमारे द्वारा बच्चो के स्कूल बुलाने के सभी प्रयास किये जाते है, लेकिन कुछ बच्च्ो स्वयं पढाई नही करना चाहते तो कुछ बच्चो के परिजन खेतो में मजदूरी सहित बच्चो को अन्य काम में लगाकर शिक्षा से बंचित किये हुए है.
होशंगाबाद जिले सोहागपुर तहसील के ग्राम भटगांव स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सुनील गिरेवाल ने तो स्वयं गांव में लाउड स्पीकर से मुनादी की, फीर भी गांव के 13 छाञ परीक्षा में शामिल नही हुये. सेवानिवृत शिक्षको का कहना है कि वर्तमान व्यवस्था में शिक्षको को भरपूर वेतन दिया जा रहा है फीर भी वे बच्चो को मोटीवेट नही कर पा रहे है, छाञो और शिक्षको के बीच संवाद हीनता है. जिसके कारण ग्रामीण इलाको के स्कूलो के छाञ पढाई से दूर भाग रहे है. बता दें कि ग्रामीण सहित शहरी क्षेञ के 75 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलो में पढाई कर रहै है. बचे गरीब परिवारो के बच्चे ही सरकारी स्कूलो में दर्ज है. बताया जाता है कि ग्रामीण क्षेञ के सरकारी स्कूलो में कक्षा 8 तक के बच्चे माध्यांह भोजन लेने के बाद स्कूल से चले जाते है, शिक्षक भी उन्ा बच्चो को पूरे टाइम नही बैठा पाते.
जानकारी के चलते होशंगाबाद जिले में ही कक्षा 5 के 10242 छाञो में से 9714 बच्चे ही परीक्षा में बैठे है. वही कक्षा 8 के 11705 में 10676 बच्चे ही परीक्षा दे रहे है. कक्षा 5 के 527 और कक्षा 8 के 1029 छाञ परीक्षा से बाहर है. बता दें कि फरवरी के महीेने में ही होंशंगाबाद जिले के दौरे पर आये शिक्षा मंञी प्रभुराम चौधरी ने जिले भर के आधिकारियो को गुणवत्ता सुंधारने सहित अनय दिशा निर्दश दिये थे.
बता दें कि शासन के आदेश के चलते यदि परीक्ष परिणाम ठीक नही आता या स्कूल में दर्ज बच्चे परीक्षा नही दे पाते है तो अनुशासनात्मक कार्यवाई सबंधित स्कूल के प्रभारी पर होना तय है.