कांग्रेस एमएलए निकला भूमाफिया – एफआईआर दर्ज
सुमावली सीट से सिंधिया समर्थक एंदल सिंह कंषाना को हराने वाले अजब सिंह कुशवाहा कलेक्टर की जांच में कांग्रेस MLA भूमाफिया निकले है।जिसके बाद कुशवाहा के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है।
रिपब्लिक टुडे ग्वालियर।
कलेक्टर द्वारा कराई गई एक जांच में मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाहा भूमाफिया पाया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर पटवारी ने प्रकरण दर्ज कराया है। आरोप है कि कांग्रेस नेता अजब सिंह कुशवाहा ने सरकारी जमीन को अपना बताकर लोगों को बेच दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी जमीन की बाकायदा रजिस्ट्री की गई है। उल्लेखनीय है कि अजब सिंह कुशवाहा पहले भाजपा के नेता थे। उपचुनाव में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना को हराकर विधायक बन गए।ग्वालियर की महाराजपुरा थाना पुलिस के मुताबिक 15 दिन पहले विक्रमपुर खेरिया गांव में एंटी माफिया मुहिम के तहत 1 बीघा सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त करवाई थी। जमीन पर माया देवी पत्नी राजेन्द्र सिंह, मुन्नी देवी पत्नी दुर्गसिंह भदौरिया, कृष्णकांत पुत्र मुंशीलाल त्यागी का कब्जा था। कार्रवाई के समय इन लोगों ने प्रशासन को जमीन के दस्तावेज भी दिखाए। रजिस्ट्री विधायक अजब सिंह ने की थी।
लोगों ने अफसरों को बताया, 3 साल पहले यह जमीन अजब सिंह कुशवाहा से उन्होंने खरीदी है। इसका पता चलते ही मामले की जांच की गई। जांच के बाद मुरार तहसील में पदस्थ पटवारी हरिमोहन पुत्र आरएस राजपूत महाराजपुरा थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की। इस पर पुलिस ने अजब सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। ग्वालियर एसपी अमित सांघी का कहना है, प्रशासन की ओर से शिकायत की गई थी, जिस पर जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है।
सभी के पास रजिस्ट्री है यानी घोटाले में और भी कोई शामिल है
पीड़ित मायादेवी ने बताया कि उन सभी के पास रजिस्ट्रार कार्यालय में कराई गई रजिस्ट्री मौजूद है। उन्होंने जमीन खरीदने के लिए पैसों का भुगतान किया है। उनके पास कीमत चुकाने के भी सबूत हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इस कांड में सरकारी अधिकारी भी शामिल है। जांच का विषय है कि क्या रजिस्ट्रार के कार्यालय में फर्जी रजिस्ट्री की गई या फिर सरकारी जमीन को निजी मानते हुए रजिस्ट्री कर दी गई। जांच का दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु यह भी हो सकता है कि आरोपी कांग्रेस विधायक ने केवल सरकारी जमीन का यही टुकड़ा लोगों को बेचा है या फिर और भी कहीं कोई सरकारी जमीन अपनी बताकर बेच डाली गई।